विश्व मधुमेह दिवस पर रायसेन में जागरूकता शिविर आयोजित

विश्व मधुमेह दिवस के अवसर पर यूपीएचसी रायसेन में स्क्रीनिंग, जागरूकता और निवारक शिविर आयोजित किया गया। शिविर में जानकारी दी गई कि मधुमेह में व्यक्ति की रक्त शर्करा उच्च हो जाती है या शरीर पर्याप्त इंसुलिन नहीं बनाता हैं  तथा शरीर इंसुलिन के प्रति ठीक से प्रतिक्रिया नहीं करता है। इंसुलिन अग्न्याशय द्वारा उत्पादित हार्मोन है। इन्सुलिन से शरीर को ऊर्जा मिलती है और इस प्रक्रिया के प्रभावित होने से शरीर के प्रमुख अंगों का संचालन बाधित होने लगता है।


    शिविर में जानकारी दी गई कि मधुमेह के मुख्य कारण सामान्य से अधिक वजन, मोटापा और शारीरिक निष्क्रियता तथा जीन एवं पारिवारिक इतिहास हैं।  उचित व्यायाम, आहार और शरीर के वजन पर नियन्त्रण बनाए रखकर मधुमेह को नियन्त्रित रखा जा सकता है। अगर मधुमेह पर ठीक से नियन्त्रण न रखा जाए तो मरीज में दिल, गुर्दे, आंखें, पैर एवं तंत्रिका संबंधी कई तरह की बीमारियों की संभावना बढ़ जाती है। शिविर में जानकारी दी गई कि टाइप 1 डायबिटीज में हमारे शरीर में इन्सुलिन बनना बंद हो जाती है और मरीज को मुख्यतः इन्सुलिन थैरेपी पर आश्रित होना पड़ता है। इसी प्रकार टाइप 2 डायबिटीज में शरीर में इन्सुलिन के इस्तेमाल कि प्रक्रिया बाधित होती है। यह टाइप 1 से कम घातक होती है और आम है। इसमें दवाएं खाकर बीमारी को नियंत्रित रखा जा सकता है।